केएमपी के किनारें बसेंगे दो शहर नाम होगा सिटी आफ हैप्पीनेस और सिटी आफ जाय
City of Happiness and City of Joy
हरियाणा सरकार ने तैयार किया मास्टर प्लान
सिंगापुर की कंपनी को डीपीआर के लिए किया अधिकृत
नए शहरों में आवासीय व कमर्शियल गतिविधियों का होगा संचालन
चंडीगढ़। City of Happiness and City of Joy: हरियाणा सरकार कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे के किनारे दो नए शहर बनासगी। इन शहरों में आवासीय व कमर्शियल गतिविधयों का संचालन होगा। सरकार की योजना इस मार्ग पर कुल पांच शहर बसाने की है लेकिन पहले चरण में दो शहरों की स्थापना के लिए काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए सिंगापुर की एक कंपनी को दो दिन पहले डीपीआर तैयार करने के लिए अनुबंधित कर लिया गया है।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पहले चरण में केएमपी के किनारे दो शहर बसाए जाएंगे, जिन्हें सिटी आफ हैप्पीनेस और सिटी आफ जॉय का नाम दिया गया है। पहला शहर खरखौदा-सोनीपत रोड पर बनेगा, जबकि दूसरा शहर पलवल-फरीदाबाद-जेवर रोड पर बनना प्रस्तावित है। इन दोनों शहरों को बसाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए सिंगापुर की प्राइवेट कंपनी को अनुबंधित किया गया है।
केएमपी के किनारे बसाए जाने वाले प्रत्येक शहर की परिधि करीब 25 किलोमीटर की होगी। इस शहर में रिहायशी क्षेत्र के साथ-साथ वाणिज्यिक गतिविधियों के कई बड़े केंद्र विकसित किए जाएंगे। इन शहरों में सिंगापुर और दुबई की तर्ज पर नियोजित विकास होगा।
राज्य सरकार केएमपी पर बाकी जिन तीन क्षेत्रों में नये शहर बसाने की योजना बना रही थी, फिलहाल उसे इसलिए रोक दिया गया है, ताकि सिटी आफ हैप्पीनेस और सिटी आफ जाय की स्वीकार्यता को अच्छी तरह से जांच लिया जाए। यदि नतीजे बढिय़ा रहे तो बाकी तीन शहरों को बसाने की दिशा में सरकार कदम बढ़ाएगी।
हरियाणा सरकार ने आरंभ में बहादुरगढ़ के पार, सोनीपत क्षेत्र में कुंडली से लेकर खरखौदा के बीच, सोहना के आसपास, पलवल के आसपास और मानेसर के आसपास करीब 50-50 हजार हेक्टेयर जमीन पर नये शहर विकसित करने की योजना तैयार की गई थी। अब इसमें काफी हद तक बदलाव किया जा चुका है। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कहना है कि दो शहरों को बसाने की दिशा में काम आरंभ किया जा चुका है। बाकी तीन शहरों को बसाने में सरकार किसी तरह की जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। सरकार केएमपी के आसपास बसाए जाने वाले शहरों को पूर्ण योजना के साथ बसाना चाहती है, ताकि हरियाणा की अलग पहचान उभर कर सामने आए।
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